Considerations To Know About karj mukti upay

माना जाता है कि मंगलवार के दिन बजरंगबली की पूजा करने के साथ-साथ आप कर्ज से मुक्ति के लिए वट वृक्ष की पूजा भी कर सकते हैं। ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, मंगलवार को वट वृक्ष की जड़ में मीठा दूध और पानी मिलाकर अर्पित करना चाहिए। साथ ही, वृक्ष के जड़ की गीली मिट्टी को अपनी नाभि पर भी लगाएं। ऐसा करने से आपको कर्ज से मुक्ति मिल सकती है और घर की आर्थिक स्थिति में सुधार आने लगता है। माना जाता है कि इस उपाय को करने से जीवन और घर में हमेशा खुशहाली बनी रहती है और पैसों की तंगी से भी निजात मिल सकती है।

धरात्मजः कुजो भौमो भूतिदो भूमिनन्दनः॥२॥

 बुधवार को सवा पाव मूंग उबालकर घी-शक्कर मिलाकर गाय को खिलाने से शीघ्र कर्ज से मुक्ति मिलती है।

एक नारियल पर चमेली का तेल मिले सिन्दूर से स्वस्तिक का चिह्न बनाएं। कुछ भोग (लड्डू अथवा गुड़-चना) के साथ हनुमानजी के मंदिर में जाकर उनके चरणों में अर्पित करके ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ करें। आप हर रोज लाल मसूर की दाल का दान करें और मंगलवार के दिन शिवलिंग पर मसूर की दाल और जल अर्पित करें। इसके बाद ओम ऋण मुक्तेश्वर महादेवाय नम: का जाप करें। इससे आपको कर्ज और लोन से धीरे-धीरे मुक्ति मिल जाएगी। तत्काल लाभ प्राप्त होगा।दूसरा उपाय शनिवार के दिन सुबह नित्य कर्म व स्नान आदि करने के बाद अपनी लंबाई के अनुसार काला धागा लें और इसे एक नारियल पर लपेट लें। इसका पूजन करें और उसको नदी के बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। साथ ही भगवान से ऋण मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।

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"जय बजरंगबली" कहते हुए उन्हें प्रेमपूर्वक दें।

कर्ज मुक्त होने के लिए करें विष्णु-लक्ष्मी की पूजा – karz se mukt hone ke liye Vishnu-Laxmi ji ki puja karen

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भागवत पुराण में कलयुग का वर्णन मिलता click here है। इसमें बताया गया है कि कलयुग कैसा होगा, इस काल के लोग कैसे होंगे और यह युग कब समाप्त होगा। इसमें कलयुग के वर्ण के साथ ही इस पुराण में हमें कई भविष्यवाणियां भी पढ़ने को मिलती है। जैसे.

लेकिन सवाल है कि किसी व्यक्ति पर आखिर कर्ज चढ़ता ही क्यों है. इसका जवाब हमारी कुंडली में छिपा है. शास्त्रों के मुताबिक, कुंडली में कुछ योग ऐसे होते हैं, जिनके बनने पर व्यक्ति कर्जवान बनकर रह जाता है.

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वैदिक शास्त्र की बात करें तो ज्योतिष के अनुसार, छठवें, आठवें, बारहवें और मंगल को कर्ज का कारक ग्रह माना जाता है. जब कुंडली में मंगल ग्रह कमजोर होते हैं या छठवें, आठवें और बारहवें में नीच स्थिति में रहते हैं तो व्यक्ति अधिकतर समय कर्ज में रहता है.

ये एक बेहद प्रभावशाली स्तोत्र है, जो विशेष रूप से ऋण मुक्ति के लिए माना जाता है।

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